शैक्षिक प्रबंधन

शैक्षिक प्रबंधन

1. आदर्श विद्यालय त्ज्म् के आधार पर संचालित हो। समय 7 घंटे, शिक्षण (विषय) हेतु 5.30 घंटे
2. पहला एवं भोजनावकाश के बाद का कालखण्ड 45 मिनिट का होना शेष 40 मिनिट अधिकतम 8 कालखंड। (दो अवकाश- एक 20 मिनट, दूसरा 10 मिनट का भी कर सकते हैं)
3. शिक्षक को 30 मि. पहले आना, 1 घंटे बाद जाना।
4. कक्षा कक्ष व विद्यालय व्यवस्था अवलोकन प्रतिदिन करना।
5. 30 मिनिट पहले- पढ़ाने वाले विषय की तैयारी एवं सहायक सामग्री का संकलन, एवं निगरानी।
6. 1 घंटे बाद में- सहायक सामग्री तैयारी, एवं दिन भर की समीक्षा।
7. संगणक- 20-20 कम्प्यूटर की दो प्रयोगशालाएँ होना चाहिए अथवा 40 कम्प्यूटर की एक समृद्ध प्रयोगशाला।
8. विषय प्रयोगशालाऐं 11वी एवं 12वीं की हों। विज्ञान प्रयोगशाला कक्षा 9-10वी तक हों। 6से 8 तक विज्ञान क्रियाधारित (एक्टिविटी) कक्ष हो। विज्ञान किट की उपलब्धता हो।
9. विषयशः कक्ष 8वीं तक तथा उसके बाद प्रयोगशाला हों।
10. 8वी तक चलित पुस्तकालय, 9 से 12 तक कक्षाशः पुस्तकालय। संभव हो तो ई-लाइब्रेरी बने (रूचि अनुसार पुस्तकें अधिकतम हो)
11. शिक्षण/प्रशिक्षण की पुस्तकें /शिक्षक के विकास के अनुरूप।
12. सभी विषयों की विषय परिषदों का गठन (आधारभूत विषय एवं केन्द्रीय विषय) रूचि अनुसार।
13. पाँच आधारभूत विषयों का क्रियान्वयन।
14. नियमित कालखण्ड एकान्तर क्रम हो।
15. कक्षा 8वीं तक बाल सभा अनिवार्य (साप्ताहिक) हो।
16. शिक्षण तकनीकी की आवश्यकतानुसार प्रयोग स्मार्ट क्लास प्रोजेक्टर, इंटरनेट आदि।
17. 500 संख्या पर न्यूनतम 4 स्मार्ट क्लास हो।
18. कक्षा स्तर/विषय वस्तु अनुरूप उपयोग।
19. आनलाईन कक्षायें।
20. शैक्षणिक भ्रमण आवश्यकतानुरूप, सरस्वती यात्राऐं की योजना पर्याप्त समय पहले बनायें।
21. क्रिया एवं गतिविधि आधारित शिक्षण।
22. मासिक अभ्यास/मूल्यांकन सतत् एवं व्यापक 8वीं तक। मासिक मूल्यांकन 9 से 12वीं तक।
23. शिक्षक दैनंदिनी एवं मूल्यांकन पंजी का संधारण।

सुझाव-

1. बालसभा साप्ताहिक हो सभी कक्षाओं की।
2. शैक्षणिक भ्रमण माह में न्यूनतम 3 दिन हो।
3. हर बच्चे का शैक्षणिक भ्रमण हो।
4. विषयशः शैक्षणिक भ्रमण हो।
5. 40 मिनिट का शैक्षिक प्रबंधन आचार्य के साथ
6 11वी-12वीं की विज्ञान कक्षाऐं प्रयोगशाला में हो।
7. विद्यालय पुस्तकालय तथा कक्षा पुस्तकालय पृथक हो।
8. कौशल विकास अनुसार शैक्षिक यात्रायें हो।